तू नारी है तू शक्ति है,
फिर क्यो तू झुक के चलती है।
इस दुनिया की क्या है फिक्र तुझे,
जब तुझ मे ही दुनिया बस्ती है।
तू नारी है तू शक्ति है,
ना किया तूने अहंकार कभी,
तेरी शक्ति में ही भक्ति है।
दुनिया ने जब जब कोसा तुझे,
तोडा है उनका अभिमान सभी,
तू नारी है तू शक्ति है।
क्यों सहती है तू दर्द यहां,
ये हमदर्दी किस वक्त की है,
कदम बढा और हाथ उठा,
तू खुद में इक शक्ति है।
तू नारी है तू शक्ति है।
क्यों होता है हरबार गलत,
इतना कैसे तू सहती है।
ले काली का रूप वहां
जहां जख्म तू पाती है,
हे ! तू नारी है तू शक्ति है।
हे ! तू नारी है तू शक्ति है।
नीतू सैनी
(डांस टीचर)
PRT DANCE